भारत के 7 रेसलर, जिन्होंने कुश्ती में देश को दिलाए 8 ओलंपिक मेडल

भारतीय कुश्ती ने ओलंपिक खेलों में लगातार अपनी धाक जमाई है। पेरिस ओलंपिक में अमन सहरावत ने पुरुष 57 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग में कांस्य पदक जीतकर भारत को रेसलिंग में 8वां ओलंपिक मेडल दिलाया। इसके साथ ही, भारत का रेसलिंग में ओलंपिक मेडल जीतने का सिलसिला 2008 के बीजिंग ओलंपिक से अब तक लगातार जारी है।

Aug 11, 2024 - 14:40
भारत के 7 रेसलर, जिन्होंने कुश्ती में देश को दिलाए 8 ओलंपिक मेडल
भारत के 7 रेसलर, जिन्होंने कुश्ती में देश को दिलाए 8 ओलंपिक मेडल

नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती ने ओलंपिक खेलों में लगातार अपनी धाक जमाई है। पेरिस ओलंपिक में अमन सहरावत ने पुरुष 57 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग में कांस्य पदक जीतकर भारत को रेसलिंग में 8वां ओलंपिक मेडल दिलाया। इसके साथ ही, भारत का रेसलिंग में ओलंपिक मेडल जीतने का सिलसिला 2008 के बीजिंग ओलंपिक से अब तक लगातार जारी है।

रेसलिंग अब ओलंपिक में भारत का दूसरा सबसे सफल खेल बन चुका है, जिसमें कुल 8 पदक हासिल हुए हैं। इससे पहले, भारत ने ओलंपिक में हॉकी में 13 पदक जीते हैं। रेसलिंग में भारत की यह सफलता कई दशकों के संघर्ष और मेहनत का नतीजा है।

1. केडी जाधव (1952, हेलसिंकी)

भारत के लिए रेसलिंग में पहला ओलंपिक पदक 1952 में हेलसिंकी ओलंपिक में केडी जाधव ने 57 किग्रा भारवर्ग में जीता था। केडी जाधव को प्यार से 'पॉकेट डायनेमो' कहा जाता था। उनकी इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारत को अगला रेसलिंग मेडल पाने के लिए 56 साल का इंतजार करना पड़ा।

2. सुशील कुमार (2008, बीजिंग और 2012, लंदन)

2008 के बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने 66 किग्रा पुरुष फ्रीस्टाइल प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके बाद 2012 के लंदन ओलंपिक में सुशील ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वह लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने।

3. योगेश्वर दत्त (2012, लंदन)

लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने 60 किग्रा भारवर्ग में कांस्य पदक जीता। बाद में, उनके मेडल को अपग्रेड कर सिल्वर मेडल कर दिया गया, जब इस इवेंट के सिल्वर मेडलिस्ट पहलवान का पदक प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन के कारण छीन लिया गया।

4. साक्षी मलिक (2016, रियो)

2016 के रियो ओलंपिक में महिला पहलवान साक्षी मलिक ने 58 किग्रा भारवर्ग में कांस्य पदक जीता। वह रेसलिंग में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जिसने भारतीय महिलाओं के लिए एक नया रास्ता खोला।

5. रवि दहिया (2020, टोक्यो)

2020 के टोक्यो ओलंपिक में रवि दहिया ने 57 किग्रा भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीता। रवि ने अपने दमदार प्रदर्शन से विश्व भर में भारत का नाम रोशन किया।

6. बजरंग पूनिया (2020, टोक्यो)

टोक्यो ओलंपिक में बजरंग पूनिया ने 65 किग्रा भारवर्ग में कांस्य पदक जीता। पूनिया ने भारतीय कुश्ती की परंपरा को बनाए रखा और अपने शानदार खेल से सभी का दिल जीत लिया।

7. अमन सहरावत (2024, पेरिस)

2024 के पेरिस ओलंपिक में अमन सहरावत ने 57 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीतकर भारतीय कुश्ती को एक और गौरवशाली पल दिया। सहरावत ने प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज को 13-5 से हराया और मात्र 21 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के भारतीय ओलंपिक पदक विजेता बन गए।

भारत की कुश्ती में इन रेसलरों की अद्भुत यात्रा ने न केवल देश को गर्व का अनुभव कराया है, बल्कि युवा पीढ़ी को प्रेरित भी किया है। इन खिलाड़ियों ने अपने कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से भारत को विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाई है।


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