Patna : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार के बाद भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव के सुर बदल गए हैं। चुनाव प्रचार के समय जीत का दावा करने और जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बाद अब अभिनेता का कहना है कि वह राजनीति में आना ही नहीं चाहते थे।
मैं चुनाव के विरोध में था – खेसारी लाल यादव
चुनाव में हार के बाद मीडिया से बातचीत में अभिनेता खेसारी लाल यादव ने कहा कि, “मैं नेता बनना ही नहीं चाहता था। बल्कि मैं शुरू से चुनाव के विरोध में था। सच पूछिए तो मैं राजनीति में आना ही नहीं चाहता था। ना ही मैं जीवन में कभी नेता बन पाऊंगा, क्योंकि मैं दिमाग से कभी सोचता ही नहीं। मेरे जीवन मैं जो भी चीजें सोचता हूं दिल से सोचता हूं। और दिल से सोचने वाले लोग ऐसी जगह पर नहीं रह सकते।”
“मैं बेटे की तरह आपलोगों को बीच रहना चाहता था”
बता दें कि चुनाव रिजल्ट के बाद अभिनेता ने एक पोस्ट भी शेयर किया था जिसमें वो कन्नी काटते हुए नजर आ रहे थे। हालांकि इस दौरान उनकी आंखों में आंसू थे जिसको वो छुपाते हुए दिखे थे। वीडियो में बात करते हुए उन्होंने जनता का शुक्रिया अदा किया और कहा था कि- ‘मैं हमेशा से एक बेटे की तरह आप लोगों के बीच में रहना चाहता था। और रहूंगा भी। आगे भी यही प्रयास करूंगा कि बेटे की तरह आपका प्यार और स्नेह लूं। हमने प्रयास किया। मेरी टीम और मुझसे जुड़े सारे लोगों ने बहुत मेहनत की। जीत हार अपनी जगह है। मेरे दिल और जुबान पर आप लोगों के लिए हमेशा सम्मान था और रहेगा।”
“मेरे लिए हार जीत मायने नहीं रखती”
खेसारी लाल ने कहा कि, “चुनाव में खड़े होना मेरे लिए बिजनेस नहीं था। इसलिए मेरे लिए हार जीत मायने नहीं रखती है। मैं बिहार के लिए एक सपना लेकर आया था। छपरा की जनता के लिए सपना देखा था। वो नहीं हुआ। कोई बात नहीं। मैं आपका बेटा हमेशा रहूंगा। जो जीते हैं उन प्रत्याशी को भी मेरी तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं।”
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में खेसारी लाल यादव ने पहली बार राजनीति में कदम रखा था। इस चुनाव में छपरा सीट से लालू यादव की पार्टी राजद (राष्ट्रीय जनता दल) की तरफ से अपनी पारी खेली, लेकिन बीजेपी की छोटी कुमारी ने उस सीट पर 7 से 8 हजार वोटों से अपना कब्जा जमाकर अभिनेता को पटखनी दे दी।
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