रूस में मोदी-जिनपिंग की संभावित मुलाकात पर नजर, गलवान का तनाव क्या कजान में होगा खत्म ?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी BRICS समिट में शामिल होने के लिए रूस के दो दिवसीय (22-23 अक्टूबर) दौरे पर रवाना हो चुके हैं। इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी एक ही मंच पर दिखाई देंगे। वहीं कजान में मोदी और जिनपिंग की मुलाकात को भी काफी अहम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी BRICS समिट में शामिल होने के लिए रूस के दो दिवसीय (22-23 अक्टूबर) दौरे पर रवाना हो चुके हैं। कजान में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुईं हैं। इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी एक ही मंच पर दिखाई देंगे। वहीं कजान में मोदी और जिनपिंग की मुलाकात को भी काफी अहम माना जा रहा है।
ब्रिक्स समिट में जहां एक तरफ पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता को काफी अहम माना जा रहा हैं। वहीं चीन और भारत के बीच काफी समय से चलते आ रहे गलवान के मुद्दे को लेकर मोदी और जिनपिंग की मुलाकात भी सबकी नजर होगी। दोनों की मुलाकात से दोनों देश सुलह के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है। हालांकि अभी तक पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
एक ही मंच पर होंगे मोदी और शी जिनपिंग !
BRICS के मंच के जरिए भारत और चीन एक साथ आएंगे, ऐसे में उम्मीद है कि दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ भी पिघलेगी। दोनों देशों के बीच गलवान में जो तनाव शुरू हुआ था उसके कजान में खत्म होनें के कयास लगाए जा रहे हैं।
दोनों देशों के बीच बढ़ी वार्ता की उम्मीद
बता दें कि भारत और चीन के रिश्तों में लंबे समय से चल रहे तनाव में नरमी देखने को मिली है। भारत और चीन के बीच विवादित पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) को लेकर समझौता हुआ है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद ही सबसे बड़ी समस्या थी, लेकिन दोनों के बीच हुए इस समझौते के बाद यह विवाद भी समाप्त होती दिख रही है। ऐसे में दोनों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होने की उम्मीद और बढ़ गई है।
2006 में हुई थी BRICS की शुरुआत
बता दें कि BRICS की शुरुआत 2006 में जी-8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। सेंट पीटर्सबर्ग में जी-8 आउटरीच शिखर सम्मेलन में रूस, भारत और चीन के नेताओं की बैठक हुई थी जिसके बाद इस औपचारिक समूह की शुरुआत की गई थी। न्यूयॉर्क में 2006 में UNGA के दौरान BRICS
विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में इस समूह को औपचारिक रूप दिया गया था, उस समय इस औपचारिक समूह का नाम BRIC था।
2009 में पहला ब्रिक शिखर सम्मेलन रूस के येकातेरिनबर्ग में आयोजित किया गया था। इसके बाद 2010 में न्यूयॉर्क में ब्रिक विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान दक्षिण अफ्रीका को शामिल करने पर सहमति बनी थी, जिसके बाद इस औपचारिक समूह को BRIC से BRICS में विस्तारित किया गया था। 2011 में सान्या में तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका ने भाग लिया था। 2024 में फिर से BRICS का विस्तार किया जाएगा। इस बार इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात नए सदस्यों के रूप में शामिल होंगे।
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