रियल एस्टेट बना भारतीयों के लिए निवेश का पसंदीदा विकल्प, बड़े घरों की मांग में तेजी जारी

भारतीयों के बीच निवेश को लेकर रियल एस्टेट उनकी पहली पसंद बन रहा है। इस वर्ष की पहली छमाही के आंकड़े बताते हैं कि 59 प्रतिशत भारतीयों के बीच निवेश के लिए रियल एस्टेट सबसे पसंदीदा एसेट क्लास बना रहा। 57 प्रतिशत निवेशकों का कहना है कि वे शहरों में प्रीमियम संपत्तियां खरीद रहे हैं।

Oct 18, 2024 - 15:56
रियल एस्टेट बना भारतीयों के लिए निवेश का पसंदीदा विकल्प, बड़े घरों की मांग में तेजी जारी
रियल एस्टेट बना भारतीयों के लिए निवेश का पसंदीदा विकल्प, बड़े घरों की मांग में तेजी जारी

मुंबई : भारतीयों के बीच निवेश को लेकर रियल एस्टेट उनकी पहली पसंद बन रहा है। इस वर्ष की पहली छमाही के आंकड़े बताते हैं कि 59 प्रतिशत भारतीयों के बीच निवेश के लिए रियल एस्टेट सबसे पसंदीदा एसेट क्लास बना रहा।

57 प्रतिशत निवेशकों का कहना है कि वे शहरों में प्रीमियम संपत्तियां खरीद रहे हैं। प्रीमियम संपत्तियों को खरीदे जाने की वजह किराये की बढ़ती दरें है। ज्यादा किराये के साथ निवेशकों को प्रीमियम संपत्तियों के साथ अच्छी आय प्राप्त हो रही है।

फिक्की और एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 51 प्रतिशत लोग 3 बीएचके इकाइयों को पसंद करते हैं, जो बड़े घर की बढ़ती मांग को दर्शाता है।

इसमें 67 प्रतिशत खरीदार खुद के इस्तेमाल के लिए संपत्ति चाहते हैं, जबकि 33 प्रतिशत निवेश के उद्देश्य परिसंपत्ति चाहते हैं।

रिपोर्ट में भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में घर खरीदारों की प्राथमिकताओं और बाजार की गतिशीलता में महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डाला गया है।

सेबी के कार्यकारी निदेशक प्रमोद राव ने कहा, "उद्योग की दीर्घकालिक सफलता के लिए निवेशकों का विश्वास बहुत जरूरी है और इस विश्वास को बनाने में सेबी का ट्रांसपेरेंसी और प्रशासन पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण रहा है।"

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संस्थागत निवेश के लिए मजबूत अनुपालन जरूरी होंगे।

फिक्की के पूर्व अध्यक्ष संदीप सोमानी के अनुसार, उपभोक्ताओं की प्राथमिकता में तैयार मकानों से हटकर निर्माणाधीन मकानों की ओर महत्वपूर्ण बदलाव, डेवलपर्स और नियामक वातावरण में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

रिपोर्ट में पाया गया कि तैयार घरों की मांग में काफी गिरावट आई है। नए लॉन्च के मुकाबले तैयार घरों का अनुपात अब 20:25 है, जबकि 2020 की पहली छमाही में यह 46:18 था।

45-90 लाख बजट सेगमेंट सबसे लोकप्रिय बना हुआ है, लेकिन प्रीमियम प्रॉपर्टी की ओर भी रुझान बढ़ रहा है। करीब 28 फीसदी लोग अब 90 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच के घरों को खरीदना पसंद करते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अपार्टमेंट अभी भी सबसे पसंदीदा संपत्ति प्रकार हैं, लेकिन रेजिडेंशियल प्लॉट को भी खूब पसंद किया जा रहा है। खासकर दक्षिणी शहरों में रेजिडेंशियल प्लॉट को लोकप्रियता मिल रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि 98 प्रतिशत घर खरीदारों की समय पर परियोजना पूरी होना सबसे बड़ी मांग है। 93 प्रतिशत घर खरीदारों के लिए बेहतर निर्माण गुणवत्ता मायने रखती है। वहीं, 73 प्रतिशत घर खरीदारों को हवादार घर भाते हैं।

हालांकि, 53 प्रतिशत से अधिक घर खरीदार मौजूदा किफायती आवास विकल्पों से असंतुष्ट हैं। वे लोकेशन, निर्माण की गुणवत्ता और घर के आकार को अपनी परेशानी बताते हैं।

एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के अध्यक्ष और संस्थापक अनुज पुरी ने कहा कि यह सर्वेक्षण उद्योग के सभी हितधारकों को ग्राहक के नजरिए से भारतीय संपत्ति बाजार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।


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IANS डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ भारत अपडेट टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.