केंद्र सरकार ने हिज्ब-उत-तहरीर पर लगाया प्रतिबंध, इस्लामिक राज्य की स्थापना का आरोप
केंद्र सरकार ने 1953 में यरुशलम में गठित इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया है। सरकार ने इस संगठन पर आरोप लगाया है कि इसका उद्देश्य इस्लामिक राज्य की स्थापना करना और भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करना है।
केंद्र सरकार ने 1953 में यरुशलम में गठित इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया है। सरकार ने इस संगठन पर आरोप लगाया है कि इसका उद्देश्य इस्लामिक राज्य की स्थापना करना और भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करना है।
गृह मंत्रालय का बयान
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) देश के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकी संगठनों जैसे आईएसआईएस में भर्ती करने के प्रयासों में शामिल रहा है। मंत्रालय ने कहा कि संगठन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स का उपयोग कर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए 'दावाह' बैठकों का आयोजन करता है, जहाँ युवा वर्ग को आतंकवादी विचारधारा के प्रति आकर्षित किया जाता है।
Pursuing PM Shri @narendramodi Ji's policy of zero tolerance towards terrorism, the MHA today declared ‘Hizb-Ut-Tahrir’ as a 'Terrorist Organisation'. The outfit is involved in various acts of terror, including radicalising the gullible youths to join terrorist organisations and… — गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) October 10, 2024
आतंकवाद के लिए धन जुटाने में संलिप्त
सरकार ने एचयूटी पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने का भी आरोप लगाया है। संगठन को कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा का प्रचार करने और आतंकवादी कृत्यों के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने का दोषी माना गया है। इसके चलते गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत इस संगठन को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है।
आतंकवाद से सुरक्षा के उपाय
सरकार का यह कदम आतंकवाद और देश की सुरक्षा के लिए उठाया गया एक अहम फैसला है। गृह मंत्रालय ने इस संगठन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का आदेश दिया है और कहा है कि देश की सुरक्षा के लिए ऐसे संगठनों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। हिज्ब-उत-तहरीर जैसे संगठन, जो आतंकवादी नेटवर्क को मजबूत करने का प्रयास करते हैं, को भारत के कानूनों के तहत कड़ी सजा दी जाएगी।
केंद्र सरकार के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा। सरकार आतंकवादी संगठनों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि देश की सुरक्षा और शांति बनी रहे।
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