किसानों से जुड़े सारे केसों को दिल्ली ट्रांसफर करने पर चल रहा है विचार : कंगना रनौत के वकील
अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बीते दिनों किसान और किसान आंदोलन को लेकर कई बयान दिए थे। उनके इन बयानों से नाराज किसानों ने देश के अलग-अलग राज्यों में 40 केस दायर किए हैं। इस पर अभिनेत्री के वकील आलोक श्रीवास्तव ने आईएएनएस से बात करते हुए विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने कहा, “मैंने कंगना रनौत को यह सुझाव दिया था कि सुरक्षा के लिहाज से हर जगह जाना ठीक नहीं है ।
नई दिल्ली : अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बीते दिनों किसान और किसान आंदोलन को लेकर कई बयान दिए थे। उनके इन बयानों से नाराज किसानों ने देश के अलग-अलग राज्यों में 40 केस दायर किए हैं। इस पर अभिनेत्री के वकील आलोक श्रीवास्तव ने आईएएनएस से बात करते हुए विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “मैंने कंगना रनौत को यह सुझाव दिया था कि सुरक्षा के लिहाज से हर जगह जाना ठीक नहीं है । मैंने उन्हें यह सुझाव दिया कि क्यों न हम सुप्रीम कोर्ट में एक ट्रांसफर याचिका दायर करें, ताकि सारे केस दिल्ली में मंगवा लिए जाएं। इससे यह फायदा होगा कि सभी ट्रायल एक ही जगह और एक ही तारीख पर होंगे, जिससे हमें भी सुविधा होगी और उनकी सुरक्षा के लिहाज से भी यह बेहतर होगा। कंगना ने इस पर सहमति दे दी है। हम जल्द ही ट्रांसफर याचिका दायर करेंगे, और सारे केस दिल्ली में होंगे। जहां तक आरोपों का सवाल है, मुझे नहीं लगता कि वे सही हैं, और जो आरोप लगे हैं, उनका जवाब देना हमारी मजबूरी है। हम कोर्ट की प्रक्रिया के अनुसार इसका जवाब देंगे और इसे समाप्त करेंगे।”
आगे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, क्योंकि ट्रांसफर याचिका केवल सुप्रीम कोर्ट में ही दायर की जा सकती है, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में केस ट्रांसफर कर सकता है। इसके बाद, यदि आवश्यकता पड़ी, तो हम दिल्ली हाई कोर्ट में भी जाएंगे, क्योंकि तब दिल्ली हाई कोर्ट का क्षेत्राधिकार लागू होगा। कंगना को जो धमकियां मिल रही हैं, वे विभिन्न तरीकों से आ रही हैं। इसका मतलब यह है कि उन्हें सुरक्षा की जरूरत है, लेकिन सुरक्षा कितनी देर तक दी जा सकती है, यह सवाल है। इसलिए, उन्हें इस तरह के खतरे से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए और वहां न जाना बेहतर होगा। अगर धमकी मिलती है तो सुरक्षा ली जाएगी, लेकिन यह भी सही नहीं है कि किसी खतरे के बाद ही सुरक्षा की मांग की जाए। मैंने उन्हें यही सलाह दी है कि वे फिलहाल इस मुद्दे को दबा कर रखें, अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें, और लोकसभा की अपनी जिम्मेदारी निभाएं। बाकी जो लीगल मामले हैं, उन्हें दिल्ली लाकर कोर्ट में चलवाएं।”
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