जम्मू-कश्मीर में जेल से बाहर आए जमात-ए-इस्लामी के नेता, कामकाज को लेकर गठित किया पैनल
जमात-ए-इस्लामी (जेईआई), जिसे भारत की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम या यूएपीए के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया है, उसके जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर : जमात-ए-इस्लामी (जेईआई), जिसे भारत की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम या यूएपीए के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया है, उसके जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है।
प्रतिबंधित जेईआई के प्रमुख डॉ. फैयाज हामिद और कई अन्य नेताओं को हाल ही में रिहा कर दिया गया था, क्योंकि जेईआई की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था शूरा द्वारा गठित जेईआई पैनल और सरकार के बीच चुनावों में जेईआई की भागीदारी और अन्य समाधानों के लिए बातचीत जारी थी।
जेईआई के नेता हमीद फैयाज ने कहा कि, फिलहाल जमात की कोई गतिविधियां नहीं हैं। शूरा द्वारा गठित एक पैनल मौजूदा हालात में जेईआई के कामकाज को लेकर फैसला ले सकता है। उन्होंने कहा कि पैनल उन मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रहा है जिनके लिए शूरा ने उसे अधिकार दिया है। फैयाज ने कहा, "हम पैनल के किसी भी फैसले का समर्थन करेंगे।"
जेईआई के एक अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व महासचिव फहीम रमजान ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेना जेईआई के लिए कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा, "जेईआई 1979 से चुनाव लड़ता रहा है। एक समय जेईआई विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भी रहा है।"
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