जुपिटर के चंद्रमा पर जीवन मौजूद है! जुपिटर के 'चांद' पर जीवन की तलाश में जुटा NASA
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा जुपिटर के 'चांद' पर जीवन की तलाश में जुट गया है। नासा जल्द ही जुपिटर पर स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। नासा ने ह्यूमैनिटीज हंट फॉर एक्सट्रा टेरेस्ट्रियल लाइफ मिशन के तहत अंतरग्रहीय अनुसंधान को लॉन्च किया है। इसे जुपिटर के बर्फीले चंद्रमाओं में से एक 'यूरोपा' पर भेजने की योजना बना रहा है।
Search of life on Jupiter's 'moon': अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा बृहस्पति यानी जुपिटर के चंद्रमा 'यूरोपा' पर जीवन की तलाश में जुट गया है, नासा जल्द ही जुपिटर पर स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने गुरुवार को ह्यूमैनिटीज हंट फॉर एक्सट्रा टेरेस्ट्रियल लाइफ मिशन के तहत अंतरग्रहीय अनुसंधान का अनावरण किया। नासा इसे जुपिटर के चंद्रमाओं में से एक 'यूरोपा' पर भेजने की योजना बना रहा है। आपको बता दें क्लिपर अंतरिक्ष यान अक्टूबर में यूरोपा के लिए उड़ान भरने वाला है और जो सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह की परिक्रमा करने वाले दर्जनों चंद्रमाओं में से एक है।
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आपको बता दें बृहस्पति ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमाओं में से एक यूरोपा को लेकर नासा ने बड़ा खुलासा किया है। नासा ने कहा कि अभी तक यह उम्मीद जताई जा रही थी कि इस उपग्रह पर पृथ्वी की तरह ही जीवन मौजूद हो सकता है। इसका प्रमुख कारण यूरोपा की सतह पर पानी और ऑक्सीजन की उपस्थिति को माना जा रहा था। जिसके बाद अब बताया जा रहा है कि यूरोपा मनुष्य जीवन को बनाए रखने के लिए अपर्याप्त ऑक्सीजन का उत्पादन करता है। सितंबर 2022 में नासा को जूनो अंतरिक्ष यान से भेजे गए डेटा से यह पता चला है कि इस चंद्रमा में कुछ छिपा है तो उसमें ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। नासा को मिली जानकारी के मुताबिक यूरोपा की सतह के नीचे पानी का बड़ा स्रोत दबा हो सकता है। जो पानी सतह के लिए किसी उपयोग में नहीं आता है और साथ ही सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति के कारण भी सतह पर कोई पौधा प्रकाश संश्लेषण भी नहीं कर सकता है।
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