प्रधानमंत्री के भाषण में चंद्रबाबू-नीतीश का जिक्र: क्या है इसका महत्व?
केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने के भाजपा के दावों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया, लेकिन उनके जुबान पर भाजपा से ज्यादा एनडीए का नाम रहा। 34 मिनट के धन्यवाद भाषण में भाजपा का नाम सिर्फ 8 बार लिया गया, जबकि एनडीए (भाजपा के सहयोगी दल) का हवाला 10 बार दिया गया।
नई दिल्ली : केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने के भाजपा के दावों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया, लेकिन उनके जुबान पर भाजपा से ज्यादा एनडीए का नाम रहा। 34 मिनट के धन्यवाद भाषण में भाजपा का नाम सिर्फ 8 बार लिया गया, जबकि एनडीए (भाजपा के सहयोगी दल) का हवाला 10 बार दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष तौर पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र किया। उन्होंने दोनों के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन की सराहना की। मोदी ने कहा, "चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने अपने-अपने राज्यों में बेहतरीन काम किया है, और उनके योगदान से एनडीए को मजबूती मिली है।" साथ ही, उन्होंने तीसरे कार्यकाल में एनडीए नेतृत्व में अच्छा काम करने का भरोसा दिया।
मोदी के इस भाषण में भाजपा के बजाय एनडीए का बार-बार उल्लेख यह संकेत देता है कि प्रधानमंत्री सभी घटक दलों के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं। बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में सहयोगी दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, और मोदी ने इसे अपने भाषण में साफ तौर पर दर्शाया है।
मोदी के इस भाषण को राजनीतिक विश्लेषक अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह भाषण एनडीए के भीतर समन्वय और एकजुटता को बढ़ाने के उद्देश्य से था, जबकि अन्य इसे भाजपा की बहुमत हासिल न करने की स्थिति में सहयोगियों की अहमियत को दर्शाने वाला मान रहे हैं।
भविष्य में सरकार गठन और नीतिगत फैसलों में एनडीए की भूमिका को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण से कई संकेत मिलते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में एनडीए की एकजुटता और उसका प्रभाव कैसा रहेगा।
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