MQ9B Drone Deal : भारत और अमेरिका के बीच 3.5 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर

भारत अपनी सीमा की सुरक्षा और तीनों सेनाओं की निगरानी क्षमता और अधिक बढ़ाने के लिए अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने जा रहा है। दोनों देशों के बीच 31 प्रीडेटर ड्रोन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत ने इस समझौते पर कुल 32 हजार करोड़ रुपए लगाए हैं।

Oct 15, 2024 - 16:44
MQ9B Drone Deal : भारत और अमेरिका के बीच 3.5 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर
MQ9B Drone Deal : भारत और अमेरिका के बीच 3.5 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली : भारत अपनी सीमा की सुरक्षा और तीनों सेनाओं की निगरानी क्षमता और अधिक बढ़ाने के लिए अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने जा रहा है। दोनों देशों के बीच 31 प्रीडेटर ड्रोन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत ने इस समझौते पर कुल 32 हजार करोड़ रुपए लगाए हैं। बता दें कि वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।   

बता दें कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पिछले हफ्ते ही 31 प्रिडेटर ड्रोन खरीदने के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। भारत द्वारा खरीदे गए 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन में से 15 ड्रोन नौसेना को मिलने की संभावना है, जो 'सी गार्जियन' होंगे। वहीं सेना और वायु सेना को आठ-आठ 'स्काई गार्जियन' प्रीडेटर ड्रोन मिल सकते हैं। 

कई वर्षों से चल रही चर्चा

बता दें कि भारत और अमेरिका कई वर्षों से इस सौदे को लेकर चर्चा चल रही है, जिसकी अंतिम बाधाएं कुछ सप्ताह पहले रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में दूर हुई। बता दें कि इस अमेरिकी प्रस्ताव की वैधता केवल 31 अक्टूबर तक ही थी। बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच विदेशी सैन्य बिक्री समझौते के तहत अमेरिकी निर्माता जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स (जीए-एएसआई) से इस ड्रोन की डील हुई थी।  

बढ़ेगी सेना की ताकत

बता दें कि इसी ड्रोन की मदद से अमेरिका ने आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ढूढा था, साथ ही इसी ड्रोन की मदद से अल जबाहिरी को भी मार गिराया था। अब इस ड्रोन के भारतीय सेना के बेड़े में सेना की ताकत और अधिक बढ़ जाएगी।

इस स्थानों पर होगी तैनाती 

बता दें कि इस ड्रोन को तैनात करने के लिए चार संभावित स्थान है। इसमें चेन्नई के पास आईएनएस राजाली, गुजरात में पोरबंदर, उत्तर प्रदेश में सरसावा और गोरखपुर शामिल हैं।   

रक्षा अधिकारियों ने बताई ये बात 

बता दें कि इस सौदे के बारे में बात करते हुए रक्षा अधिकारियों ने बताया कि 31 प्रीडेटर ड्रोन और एमआरओ के लिए अमेरिकी सरकार के साथ विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंध पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए जाने है। अधिकारियों ने बताया कि इन अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिकी सैन्य और कॉर्पोरेट अधिकारियों की टीम उपस्थित थी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सुरक्षा मामलों से जुड़ी कैबिनेट समिति (CCS) ने परमाणु ऊर्जा से संचालित दो पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण संबंधी सौदे को भी मंजूरी दी थी।


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