नैनीताल / भुवन सिंह ठठोला : नैनीताल में वट सावित्री व्रत बड़े ही धूमधाम से मनाया गया । ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत रखने का विधान है। इस मौके पर सुहागिन महिलाएं सुबह से ही मां नैना देवी मंदिर में एकत्रित हो गईं और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की।
वट सावित्री व्रत के अवसर पर महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सजी-धजी नजर आईं। सुबह से ही वे वट वृक्ष के नीचे एकत्रित होकर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना में लीन हो गईं। वट वृक्ष की पूजा करते हुए महिलाओं ने अपने परिवार की सुख-समृद्धि और पति की दीर्घायु की कामना की।
मां नैना देवी मंदिर परिसर में इस अवसर पर एक विशेष आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। उन्होंने वट वृक्ष की पूजा की और सावित्री-सत्यवान की कथा का श्रवण किया। यह कथा वट सावित्री व्रत का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसमें सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लाने की कथा सुनाई जाती है।
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नैनीताल में वट सावित्री व्रत की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और हर साल इसे बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन का महिलाओं के जीवन में विशेष महत्व होता है, क्योंकि वे अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस दिन वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। वट वृक्ष को जीवन और संतान का प्रतीक माना जाता है और इसे पूजने से सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।