NAVRATRI 2024: चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की करें पूजा-अर्चना
Navratri 2024 2nd Day : आईये जानते है नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के नाम के पीछे का राज, माता का पसंदीदा रंग, प्रिय भोग, मंत्र, और स्वरूप के बारे में
भारत अपडेट डेस्क , नई दिल्ली : चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन है... और ये दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है... माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हजारों वर्षों तपस्या की थी, उसी तप के कारण माता को ब्रह्मचारिणी कहा गया है... माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अराधना करने से आत्मविश्वास, आयु, आरोग्य, सौभाग्य, अभय आदि की प्राप्ति होती है.... मां भगवती की इस शक्ति की पूजा अर्चना करने से मनुष्य कभी अपने लक्ष्य से भटकता नहीं है और सही मार्ग पर चलता है... आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मंत्र, आरती और स्वरूप के बारे में...
माता ब्रह्मचारिणी के नाम के पीछे का राज
शास्त्रों में बताया गया है कि मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया और महर्षि नारद के कहने पर अपने जीवन में भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। हजारों वर्षों तक अपनी कठिन तपस्या के कारण ही उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। अपनी इस तपस्या की अवधि में माता ने कई वर्षों तक निराहार रहकर और अत्यन्त कठिन तप से महादेव को प्रसन्न कर लिया। उनके इसी तप के प्रतीक के रूप को नवरात्र के दूसरे दिन पूजा जाता।
माता ब्रह्मचारिणी का स्वरूप
माता ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं। इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिप्टी हुई कन्या के रूप में है, जिनके एक हाथ में अक्षयमाला और दूसरे हाथ में कमंडल है। माना जाता है कि माता कि पूजा करने पर मां अपने भक्तों को अपनी सर्वज्ञ संपन्न विद्या देकर विजयी भी बनाती है। ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सादा और भव्य है। अन्य देवियों की तुलना में वह अतिसौम्य, क्रोध रहित और तुरंत वरदान देने वाली देवी है।
माता ब्रह्मचारिणी को लगाए ये भोग
इस दिन माता को चीनी का प्रसाद लगाने का विधान है। ऐसा विश्वास है कि चीनी के भोग से उपासक को लंबी आयु प्राप्त होती है और वह नीरोगी रहने के साथ उसमें अच्छे विचारों का आगमन होता है। साथ ही माता पार्वती के कठिन तप को मन में रखते हुए संघर्ष करने की प्रेरणा प्राप्त होती है।
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नवरात्रि के दूसरे दिन पहने पीला रंग
माना जाता है कि माता ब्रह्मचारिणी को पीला रंग बहुत प्रिय है, इसलिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा अर्चना करनी चाहिए। माता को भी पीले रंग के वस्त्र, फूल, फल आदि जरूर अर्पित करने चाहिए।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का मंत्र
दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
इस मंत्र का मतलब है कि जिनके एक हाथ में अक्षमाला है और दूसरे हाथ में कमण्डल है, ऐसी उत्तम ब्रह्मचारिणी रूपा मां दुर्गा मुझ पर कृपा करें।
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