क्रिकेट मैच के संबंध में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया, ऐसे में पाकिस्तान में बेचैनी होना स्वाभाविक : मणिशंकर अय्यर
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी रिश्तों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के हालिया पाकिस्तान दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दरअसल, जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान यह कहा था कि भारत-पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने के बारे में वापस देश जाकर विचार करेंगे।
नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच जारी रिश्तों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के हालिया पाकिस्तान दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दरअसल, जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान यह कहा था कि भारत-पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने के बारे में वापस देश जाकर विचार करेंगे। इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में जारी कड़वाहट को लेकर एक नई चर्चा शुरू हो गई थी, पाकिस्तान में लोगों को लगने लगा था कि शायद दोनों देशों के बीच क्रिकेट खेलने के साथ रिश्ते सामान्य हो सकते हैं।
लेकिन, अब भारत ने इस प्रस्ताव से इंकार कर दिया है। भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने वहां नहीं जाएगी। इसको लेकर अब एक नई बहस पाकिस्तान के साथ भारत में भी शुरू हो गई है। जिसको लेकर आईएएनएस के साथ बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने भी अपने विचार रखे और कहा कि इस इनकार से पाकिस्तान में बेचैनी होना स्वभाविक है।
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में जाकर क्यों यह बयान दिया? अगर वह इस पर पहले ही पाकिस्तान में कुछ स्पष्टता दिखाते तो क्या यह बेहतर नहीं होता? उम्मीदों को बढ़ाने के बाद, जब भारत ने इस संबंध में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो पाकिस्तान के लोगों में बेचैनी होना स्वाभाविक है।
अय्यर ने आगे कहा कि यह स्पष्ट था कि ऐसा कोई निर्णय जल्दी नहीं होने वाला था। यदि जयशंकर पहले ही पाकिस्तान में यह बता देते कि हम इस मुद्दे पर विचार करेंगे और परिणाम वही होगा जो पहले था, तो शायद स्थिति बेहतर होती। लेकिन अब, जब यह फैसला लिया गया है कि भारत पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच नहीं खेलेगा, तो इस तरह की उम्मीदें जगाना और फिर उन्हें निराश करना, क्या हमें फायदा पहुंचाता है?
मणिशंकर अय्यर ने यह भी सवाल उठाया कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में गलत संकेत दिया, जिससे दोनों देशों के लोगों में उम्मीदें जगी।
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों का हमेशा एक संवेदनशील विषय रहा है। दोनों देशों के बीच जारी तनाव के कारण क्रिकेट संबंध भी प्रभावित हुए हैं। राजनेताओं का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट तभी खेले जाएंगे जब दोनों देशों के रिश्ते सुधरेंगे।
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