ओडिशा में इस साल 50 हाथियों की असामान्य मौत की जांच का आदेश
इस वर्ष लगभग 50 हाथियों की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए ओडिशा के वन मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने राज्य में हाथियों की असामान्य मौतों की विस्तृत जांच का आदेश दिया है।राज्य वन विभाग की ओर से रविवार को जारी प्रेस नोट के अनुसार, सिंह खुंटिया ने इस संबंध में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यव्रत साहू को पत्र लिखकर राज्य में चालू वर्ष में करीब 50 हाथियों की मौत पर चिंता जताई है।
भुवनेश्वर : इस वर्ष लगभग 50 हाथियों की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए ओडिशा के वन मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने राज्य में हाथियों की असामान्य मौतों की विस्तृत जांच का आदेश दिया है।
राज्य वन विभाग की ओर से रविवार को जारी प्रेस नोट के अनुसार, सिंह खुंटिया ने इस संबंध में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यव्रत साहू को पत्र लिखकर राज्य में चालू वर्ष में करीब 50 हाथियों की मौत पर चिंता जताई है।
मीडिया में प्रसारित मामले को बेहद चिंताजनक बताते हुए वन मंत्री ने यह भी कहा कि इस समस्या को रोकने के लिए अतिरिक्त देखभाल और सुरक्षात्मक उपाय आवश्यक हैं। सिंह खुंटिया ने कहा कि राज्य सरकार हाथियों की असामान्य मौत को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें गज साथियों और रैपिड एक्शन टीमों की तैनाती आदि शामिल हैं।
वन मंत्री ने जोर दिया, "हाथियों की सुरक्षा के लिए वैधानिक सुरक्षात्मक उपायों के साथ सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए वन अधिकारियों की ओर से अधिक सावधानी और ईमानदारी समय की मांग बन गई है। इस मामले को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा कि हाथियों के जीवन की सुरक्षा में लापरवाही और अक्षमता पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय की जाएगी। सिंह खुंटिया ने 2024 में अब तक दर्ज की गई हाथियों की मौत की घटनाओं की संभागवार गहन जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि अखिल ओडिशा हाथी जनगणना-2024 की रिपोर्ट से पता चला है कि राज्य भर के 38 वन प्रभागों में 2,098 हाथी हैं। इसमें 313 वयस्क हाथी, 13 वयस्क मखना, 748 वयस्क मादा, 148 उप-वयस्क नर, 282 उप-वयस्क मादा, 209 किशोर और 385 शावक शामिल हैं। वहीं, 13 वन्य जीव प्रभागों में हाथी नहीं होने की बात सामने आई है।
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