संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी का भाषण: लोकतंत्र से लेकर वैश्विक सुरक्षा तक कई महत्वपूर्ण संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के 'समिट ऑफ द फ्यूचर' में 4 मिनट 30 सेकंड का भाषण दिया। पहली नजर में ये भाषण सीधा और सरल लग सकता है, लेकिन इसके भीतर कूटनीतिक संदेशों की गहराई थी। इस मंच से प्रधानमंत्री ने दुनिया के बड़े देशों के लिए कई महत्वपूर्ण संदेश छिपाए।

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के 'समिट ऑफ द फ्यूचर' में 4 मिनट 30 सेकंड का भाषण दिया। पहली नजर में ये भाषण सीधा और सरल लग सकता है, लेकिन इसके भीतर कूटनीतिक संदेशों की गहराई थी। इस मंच से प्रधानमंत्री ने दुनिया के बड़े देशों के लिए कई महत्वपूर्ण संदेश छिपाए। इसमें पाकिस्तान और चीन की गतिविधियों का इशारा भी था, साथ ही उन देशों को भी संदेश था जो भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता देने में टालमटोल कर रहे हैं।
#WATCH न्यूयॉर्क में 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन। #UNGeneralAssembly | #PMModi | #PMModiInUS | #PMModiUSVisit | #BharatUpdate | #BharatUpdateDigital | pic.twitter.com/Rfp5uX7NJl
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संदेश 1: भारत लोकतंत्र की बुलंद आवाज है
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भारत के विशाल लोकतांत्रिक स्वरूप की चर्चा से की। उन्होंने कहा, “जून में मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनावों में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है। आज मैं 1/6 मानवता की आवाज आप तक पहुंचाने यहां आया हूं।” उन्होंने दुनिया को यह याद दिलाया कि भारतीय लोकतंत्र को सुना जाना चाहिए, और इसके महत्व को समझा जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में 'समिट ऑफ द फ्यूचर' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत ने मुझे तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है। मैं यहां मानवता की आवाज आप तक पहुंचाने आया हूं। हमें मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाते हुए सतत विकास, भोजन, स्वास्थ्य… pic.twitter.com/0aXmu9IXwg — BHARAT UPDATE (@bharatupdate_) September 24, 2024
संदेश 2: समावेशी विकास और ग्लोबल साउथ की आवाज
पीएम मोदी ने कहा कि "मानव-केंद्रित अप्रोच ही सर्वप्रथम होनी चाहिए। समावेशी विकास को प्राथमिकता देते हुए हमें मानव कल्याण, फूड, और हेल्थ सिक्यॉरिटी सुनिश्चित करनी होगी। भारत ने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर दिखाया है कि समावेशी विकास संभव है।" उन्होंने ग्लोबल साउथ की बात को फिर से दोहराया, जो अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों की ओर इशारा था। भारत, इन देशों की आवाज़ को विश्व मंच पर बुलंद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
#BreakingNews : प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, “वैश्विक शांति के लिए आतंकवाद और साइबर, मैरिटाइम, स्पेस जैसे नए संघर्षों पर वैश्विक कार्रवाई आवश्यक है। सुधार ही प्रासंगिकता की कुंजी है।” #UNSummit | #GlobalPeace | #PMModi | #PMModiInUSA | #PMModiUSVisit |… pic.twitter.com/xl9yaqOpxB — BHARAT UPDATE (@bharatupdate_) September 23, 2024
संदेश 3: संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से वैश्विक संस्थाओं में सुधार की जरूरत को उठाया। उन्होंने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में स्थायी सदस्यता दिलाने की बात करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम था। इस संदर्भ में पीएम मोदी ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की मांग को फिर से प्रमुखता से उठाया और स्पष्ट कर दिया कि यह सुधार अनिवार्य है।
संदेश 4: आतंकवाद और नई चुनौतियों पर ग्लोबल ऐक्शन की मांग
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद, साइबर और मैरीटाइम संघर्षों पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, "ग्लोबल ऐक्शन, मस्ट मैच ग्लोबल ऐंबिशन," यानी विश्व को इन मुद्दों पर मिलकर ठोस कार्रवाई करनी होगी।
प्रधानमंत्री का यह भाषण वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती ताकत और जिम्मेदारी को दर्शाता है।
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