आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1: दुश्मनों पर साइलेंट किलर की तरह वार करेगा भारतीय सेना का नया हथियार
भारतीय सेना को भारत में बने आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिल गई है। यह ड्रोन्स नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज की इकाई इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड द्वारा बनाए गए हैं। सेना ने 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन) की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था, जिनमें से 120 की डिलीवरी कर दी गई है।
नई दिल्ली : भारतीय सेना को भारत में बने आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 की पहली खेप मिल गई है। यह ड्रोन्स नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज की इकाई इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड द्वारा बनाए गए हैं। सेना ने 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन) की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था, जिनमें से 120 की डिलीवरी कर दी गई है।
नागास्त्र-1 ड्रोन की विशेषताएँ:
रेंज और गोला-बारूद की क्षमता: नागास्त्र-1 ड्रोन की रेंज 30 किमी तक है। इसका एडवांस वर्जन दो किलो से ज्यादा गोला-बारूद ले जाने में सक्षम है।
इसका इस्तेमाल दुश्मनों के ट्रेनिंग कैंप, ठिकानों और लॉन्च पैड पर हमला करने के लिए किया जाएगा ताकि सैनिकों का जोखिम कम हो सके।
डिजाइन: इसे पैदल चल रहे सेना के जवानों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
साइलेंट किलर: ड्रोन में कम आवाज और इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन है, जो इसे एक साइलेंट किलर बनाता है।
इसका इस्तेमाल कई तरह के सॉफ्ट स्किन टारगेट के खिलाफ किया जा सकता है। पारंपरिक मिसाइलों और सटीक हथियारों से अलग, यह एक कम लागत वाला हथियार है जिसे सीमा पर घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के ग्रुप को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
ड्रोन की एक और खास विशेषता पैराशूट रिकवरी मैकेनिज्म है, जो मिशन निरस्त होने पर गोला-बारूद को वापस ला सकता है। इस प्रकार, इसे कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
नागास्त्र-1 ड्रोन भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो न केवल सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि दुश्मनों के ठिकानों पर प्रभावी तरीके से हमला करने में भी सक्षम होगा। भारतीय सेना की ताकत को और भी मजबूत बनाने के लिए नागास्त्र-1 एक महत्वपूर्ण हथियार सिद्ध होगा।
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