जम्मू कश्मीर में विकास का दावा झूठा, नाइंसाफी का जवाब देगी आवाम : नासिर हुसैन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में चुनावी शंखनाद करते हुए एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर हमला बोलते हुए परिवारवाद का आरोप लगाया।
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में चुनावी शंखनाद करते हुए एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर हमला बोलते हुए परिवारवाद का आरोप लगाया। पीएम मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि, प्रधानमंत्री को वहां के लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने वहां क्या विकास किया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, प्रधानमंत्री हमेशा चुनावी दौरे पर रहते हैं। पार्लियामेंट भी चलता है, उस दौरान भी प्रधानमंत्री चुनावी दौरे पर रहते हैं। वहां के अवाम के लिए यूपीए सरकार की तुलना में पिछले आठ सालों में उनकी सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।
वे बताएं कि कितने आतंकवादी कम हुए हैं, कितनी आतंकवादी घटनाएं कम हुई हैं, कितने लोग उस दौरान मारे गए थे, कितने लोग इस दौरान मारे जा रहे हैं। पर्यटन का कितना विकास हुआ है। स्कूल, अस्पताल और बुनियादी सुविधाओं को लेकर उन्होंने क्या किया है। राज्यपाल शासन में वहां तमाम भ्रष्टाचार के आरोप लगे, उन्हें उनका जवाब देना चाहिए।
जम्मू कश्मीर में ऐसा पहली बार हो रहा है कि बाहर के लोगों को वहां पर ठेका दिया जा रहा है। कंस्ट्रक्शन, माइनिंग का ठेका बाहर के लोगों को दिया जा रहा है। यह जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ नाइंसाफी है, इसका जवाब पीएम मोदी को जरूर देना चाहिए। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भी तस्वीर नहीं बदली है। अब यह जो कह रहे हैं कि हम वहां पर स्टेटहुड देंगे, इन्हें बताना चाहिए कि कब देंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार वहां चुनाव करा रही है, अगर कोर्ट ने टिप्पणी नहीं की होती, तो ये चुनाव भी नहीं कराते। जनता इस बार इन लोगों को सबक सिखाने वाली है।
नासिर हुसैन ने चीन को लेकर कहा कि भारत सरकार और विदेश मंत्री एस जयशंकर मानते हैं कि चीनी आर्मी हिंदुस्तान के बॉर्डर के अंदर थी। हम बार-बार इनको गूगल इमेज दिखा रहे थे, ग्राफिक इमेज दिखा रहे थे, सैटेलाइट इमेज दिखा रहे थे। हम लोग बार-बार कह रहे थे कि चीन हमारे टेरिटरी में घुस आया है, पुल बनाए हैं, रोड बन गए हैं, कई गांव बन गए, तो ये मान नहीं रहे थे। ये कह रहे थे कि विपक्ष झूठ बोल रहा है। लेकिन जब वो हमारी सीमा में थे ही नहीं, तो वापस कैसे गए। इसका मतलब है कि वे सीमा के अंदर थे।
अब विदेश मंत्री को साफ बताना चाहिए कि चीन की सेना हमारी सीमा के अंदर आ गई थी, अब बातचीत के बाद वे वापस जा रहे हैं। इनकी गलत विदेश नीति की वजह से हमारे कई पड़ोसी हमारे खिलाफ हो चुके हैं। आगामी संसद सत्र में चीन के मुद्दे पर एक स्वेत पत्र लाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज का युवा संघर्ष कर रहा है। वो जानता है कि कड़ी मेहनत से ही जिंदगी में आगे बढ़ा जा सकता है। अगर 100 वैकेंसी निकलेगी और करोड़ों लोग उसके लिए आवेदन करेंगे, तो कितनों को नौकरी मिलेगी । युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए नौकरियां तो देना पड़ेगा। हर साल दो करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? दस साल में तो बीस करोड़ नौकरियां मिल जानी चाहिए थी। अब तो नया साल भी शुरू होने वाला है। इस हिसाब से इनको 22 करोड़ नौकरियां देनी चाहिए थी। कहां हैं नौकरियां?
जम्मू कश्मीर में जाकर अमित शाह ऐलान करते है कि हम पांच लाख नौकरियां देंगे। वहां एक लाख वैंकेसी हैं। जम्मू कश्मीर में जो पद खाली है, वो तो भरा ही नहीं है। पिछले आठ सालों से वहां पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर उनकी ही सरकार है। लेकिन नौकरियों को लेकर कुछ नहीं कर पाए। वैकेंसी के बावजूद बेरोजगारों को नौकरियां नहीं मिल रहीं।
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