भारत में विलय एवं अधिग्रहण सौदों की वैल्यू 2024 के पहले नौ महीने में 66 प्रतिशत बढ़ी
भारत में होने वाली विलय एवं अधिग्रहण (एम एंड ए) सौदों की वैल्यू इस साल के पहले नौ महीने (जनवरी से सितंबर) के बीच 66 प्रतिशत बढ़ी है। इसमें वैश्विक आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
नई दिल्ली : भारत में होने वाली विलय एवं अधिग्रहण (एम एंड ए) सौदों की वैल्यू इस साल के पहले नौ महीने (जनवरी से सितंबर) के बीच 66 प्रतिशत बढ़ी है। इसमें वैश्विक आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5 प्रतिशत की गिरावट हुई है। बुधवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एम एंड ए गतिविधि 2024 में मजबूत रही है।
बीसीजी में प्रबंध निदेशक और भागीदार ध्रुव शाह ने कहा, “यह भारतीय बाजार की अद्वितीय मजबूती और अपील को उजागर करता है। टेक्नोलॉजी, मीडिया, इंडस्ट्रियल और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्र में बड़े सौदे हुए हैं।"
समीक्षाधीन अवधि में भारत में डील की मात्रा में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन यह उतनी तेजी से नहीं जितनी वैश्विक स्तर 13 प्रतिशत और पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 13 प्रतिशत की गिरावट आई।
इस वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान टेक्नोलॉजी, मीडिया या दूरसंचार पर केंद्रित सौदे कुल मूल्य का 40 प्रतिशत थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर उठापटक के बाद भी औद्योगिक कंपनियां 2024 में भारतीय डील मेकिंग में अग्रणी बनी हुई हैं।
लंबी अवधि में भारत में डीलमेकिंग मजबूत रहेगी क्योंकि मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियां आकर्षक मूल्यांकन वाली संपत्ति की तलाश में हैं।
शाह ने आगे कहा कि मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियां अकार्बनिक रूप से बढ़ने के अवसरों की तलाश जारी रखेंगी और निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेशक रिकॉर्ड-हाई ड्राई पाउडर को तैनात करने की कोशिश करेंगे क्योंकि भारत पसंदीदा निवेश गंतव्य बना हुआ है।
भारत में डील बढ़ने की वजह अर्थव्यवस्था का तेज गति से बढ़ना है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on Bharat Update. Follow Bharat Update on Facebook, Twitter.