New Delhi : एक तरफ जहां पूरा देश आतंकी हमले होने के डर के साए में जी रहा है, और हाल ही में हुए बम ब्लास्ट में जहां मृतकों के परिजन मातम मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल एक दूसरे पर बयानबाजी और आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। दरअसल, पीडीपी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा दिल्ली कार ब्लास्ट को कश्मीर में असुरक्षा से जोड़ने के बयान के बाद अब बीजेपी का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने महबूबा मुफ्ती पर पलटवार किया है।
दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि राजधानी में लाल किले के पास विस्फोट देशभर में बढ़ती असुरक्षा और जम्मू-कश्मीर में केंद्र की नीतियों की विफलता को दर्शाता है। इसके बाद बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती के बयानों की निंदा की और कहा कि वह चरमपंथियों के लिए बहाने की कोशिश कर रही हैं।
प्रदीप भंडारी का महबूबा मुफ्ती पर निशाना
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए लिखा कि “आतंकवादी बुरहान वानी का समर्थन करने वाली मुफ्ती अब लाल किला विस्फोट के आतंकियों को सही ठहरा रही हैं। उनका कहना है कि आतंकवाद के लिए हिंदू-मुस्लिम और नफरत जिम्मेदार हैं।” इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर भी सवाल उठाया कि “कांग्रेस नेतृत्व वाला भारतीय विपक्ष आतंकवादियों का समर्थन करने से क्यों नहीं हिचकिचाता?”
“नीतियों के कारण दिल्ली असुरक्षित”
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि, “केंद्र सरकार दुनिया को दिखा रही है कि कश्मीर में सब कुछ ठीक है, लेकिन असल में कश्मीर की समस्याएं लाल किले के सामने स्पष्ट हो रही हैं। आपने जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित बनाने का वादा किया था, लेकिन नीतियों के कारण दिल्ली भी असुरक्षित बन गई है।”
मुफ्ती ने कहा कि “मुझे नहीं पता कि सरकार में कितने लोग वास्तव में राष्ट्रवादी हैं। अगर एक पढ़ा-लिखा युवा, या डॉक्टर, अपने शरीर पर आरडीएक्स बांधकर खुद को और दूसरों को मार देता है, तो इसका मतलब है कि देश में सुरक्षा व्यवस्था विफल है। आप हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करके वोट तो जीत सकते हैं, लेकिन देश किस दिशा में जा रहा है?”
“जितना ज्यादा हिंदू-मुस्लिम उतना ज्यादा खून-खराबा”
महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि विभाजनकारी राजनीति राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि दिल्ली के लोग इसे समझते हैं या नहीं, या वे सोचते हैं कि जितना ज्यादा हिंदू-मुस्लिम विभाजन होगा, उतना ही ज्यादा खून-खराबा होगा, देश में जितना ज्यादा ध्रुवीकरण होगा, उतने ही ज्यादा वोट उन्हें मिलेंगे? मुझे लगता है कि उन्हें दोबारा सोचना चाहिए। देश सत्ता से कहीं बड़ा है।” उन्होंने कहा कि “कहीं न कहीं, जहरीला माहौल कश्मीर के युवाओं को खतरनाक रास्तों की ओर ले जा रहा है।”
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