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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: पहचान संबंधी समस्याओं के कारण 16 जोड़े शादी से वंचित

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शुक्रवार को आयोजित समारोह में इस बार कुल 1045 जोड़ों का चयन किया गया था। विभागीय प्रक्रिया और ऑनलाइन आवेदन के आधार पर चयनित जोड़ों को विवाह समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया। किंतु, वास्तविक रूप से केवल 834 जोड़ों का ही विवाह संपन्न हुआ। 16 जोड़े पहचान संबंधी तकनीकी समस्याओं के कारण समारोह में सम्मिलित नहीं हो सके।

विवाह संख्या में अंतर और कारण

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चयनित 1045 जोड़ों में से 850 जोड़ों के विवाह की जानकारी पहले दी गई थी, लेकिन अंततः केवल 834 जोड़ों का ही विवाह संपन्न हुआ। समाज कल्याण अधिकारी सूरज कुमारी ने कहा कि इस बार बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से पहचान सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई थी। कुछ जोड़ों में वर या वधू का आधार कार्ड अद्यतन (अपडेट) नहीं होने के कारण मशीन पहचान नहीं कर पाई, जिससे ये लाभार्थी समारोह में शामिल नहीं हो सके।

विभाग ने कहा कि चयनित लाभार्थियों को पहले ही अपने आधार कार्ड अपडेट कराने के लिए कहा गया था। इसके बावजूद कुछ जोड़े पहचान में समस्या के कारण विवाह में सम्मिलित नहीं हो पाए।

बजट और व्यय की व्यवस्था

इस बार प्रति जोड़े एक लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया, जो पहले 51 हजार रुपये था। बजट का वितरण इस प्रकार था:

  • 60 हजार रुपये लाभार्थी कन्या के खाते में सीधे जमा
  • 25 हजार रुपये उपहार स्वरूप सामग्री
  • 15 हजार रुपये भोजन और पंडाल आदि के खर्च पर

अधिकारियों का कहना है कि बढ़े हुए बजट के बावजूद भी अनुपस्थित जोड़े सामान्य हैं, क्योंकि हर आयोजन में चयनित जोड़ों में से कुछ अनुपस्थित रह जाते हैं।

क्षेत्रवार लाभार्थियों की संख्या

इस बार सामूहिक विवाह में शामिल 834 जोड़ों का क्षेत्रवार वितरण इस प्रकार रहा:

  • सैदनगर विकास खंड: 173 जोड़े
  • शाहबाद: 137
  • चमरौआ: 151
  • मिलक: 163
  • बिलासपुर ग्रामीण: 57
  • बिलासपुर नगर पालिका: 7
  • स्वार: 48
  • केमरी: 4
  • मसवासी: 7
  • टांडा: 31
  • मिलक नगर पालिका: 15
  • दढियाल: 39
  • नरपतनगर: 2

विश्व हिंदू महासंघ ने की जांच की मांग

विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष सरजीत चौधरी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर विवाह समारोह में अनियमितताओं की जांच कराने की मांग की। उनके आरोप में फर्जी लाभार्थियों की सूची और अन्य गड़बड़ियों का उल्लेख किया गया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना गरीब और कमजोर वर्गों को विवाह में आर्थिक सहायता और सामाजिक सम्मान प्रदान करने के लिए बनाई गई है। हालांकि, इस बार पहचान संबंधी तकनीकी समस्याओं और अनुपस्थित जोड़ों के कारण अपेक्षित संख्या में विवाह संपन्न नहीं हो सके। बायोमेट्रिक पहचान और ऑनलाइन प्रक्रिया आने वाले आयोजनों में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायक हो सकती है।

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