Loading...
  • ... अपडेट हो रहा है
  • ... अपडेट हो रहा है
  • ... अपडेट हो रहा है
24K Gold
Loading...
Silver (1kg)
Loading...
24K Gold
Loading...
ताज़ा ख़बरें
Loading updates...

सुलेमान ने हुमायूं कबीर के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई, सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग

Babri Masjid Controversy : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा ‘बाबरी मस्जिद’ के नाम से एक नई मस्जिद की नींव रखने की घोषणा के बाद राजनीतिक वातावरण गरमा गया है। इस मुद्दे पर इंडियन नेशनल लीग (INL) के अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस नाम का उपयोग करना एक उकसाने वाला कदम है और यह मुस्लिम समुदाय के हित में नहीं है। उन्होंने सरकार, न्यायपालिका और वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर भी अपने विचार स्पष्ट रूप से रखे।

बाबरी नाम पर सुलेमान की आपत्ति

मोहम्मद सुलेमान ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विधायक हुमायूं कबीर बिना सोचे-समझे ऐसे बयान दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्लाम में “बाबरी मस्जिद” या “हुमायूं मस्जिद” जैसी राजनीतिक उपमाओं का कोई स्थान नहीं है। सुलेमान के अनुसार, उत्तर प्रदेश में स्थित एक मस्जिद को लेकर मुस्लिम समुदाय ने पूरी लड़ाई कानूनी दायरे में रहकर लड़ी, किंतु दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की कथित मिलीभगत से बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि न्यायपालिका के सहयोग से उस भूमि को औपचारिक रूप से मंदिर निर्माण हेतु सौंप दिया गया, जो न्याय और संतुलन की भावना के विपरीत है।

नाम के दुरुपयोग का विरोध

उन्होंने आगे कहा कि हुमायूं कबीर को यह समझना चाहिए कि बिना विचार किए बाबरी मस्जिद के नाम का इस्तेमाल कर उत्तेजना फैलाने से मुसलमानों का कोई भला नहीं होने वाला। यदि उन्हें मस्जिद का निर्माण करना ही है, तो वे अपने विधानसभा क्षेत्र में धार्मिक स्थल का निर्माण कर सकते हैं, लेकिन उसे “बाबरी मस्जिद” नाम देना अनुचित और बुद्धिमानी के विरुद्ध है।

भावनाएं भड़काना गलत

मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि बाबरी मस्जिद का मामला अब अतीत का हिस्सा बन चुका है और मुस्लिम समुदाय अदालत के फैसले को पहले ही स्वीकार कर चुका है। ऐसी स्थिति में इस नाम का उपयोग कर लोगों की भावनाओं को भड़काने का प्रयास सर्वथा अनुचित है।

सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग

उन्होंने मांग की कि सरकार को उन तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो अनावश्यक रूप से उत्तेजक माहौल बनाने का प्रयास करते हैं, क्योंकि ऐसे कदम पूरी तरह गैर-जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण हो चुका है और मुस्लिम समुदाय ने इस पूरे प्रकरण में हुए अन्याय को धैर्यपूर्वक सहन किया है। इसके बावजूद, मुसलमान कानून का सम्मान करते हैं और न तो कानून तोड़ने की सोच रखते हैं और न ही उसे अपने हाथ में लेने का इरादा।