Putin India Visit : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालम हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। वर्ष 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के पश्चात यह उनकी पहली भारत यात्रा है। आज दोपहर हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता संपन्न हुई।
बैठक में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, 2030 तक के आर्थिक रोडमैप, भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। इससे पूर्व, राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी ने पुतिन का भव्य स्वागत किया और उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। तत्पश्चात, पुतिन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
हैदराबाद हाउस में अपने प्रारंभिक वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन संकट की शुरुआत से ही भारत और रूस निरंतर संपर्क में हैं और भारत सदैव शांति का पक्षधर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत तटस्थ नहीं है, अपितु शांति के साथ खड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस की मित्रता अत्यंत सुदृढ़ और स्थिर है। उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले 80 वर्षों में दुनिया में बहुत उतार-चढ़ाव और बदलाव देखने को मिले हैं। मानवता को कई तरह की चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है, किंतु इसके बावजूद भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह हमेशा अटल बनी रही है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दोनों देशों के संबंध हर कसौटी पर खरे उतरे हैं। दोनों देशों ने 2030 तक आर्थिक सहयोग की रणनीति तैयार की है। वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने आश्वस्त किया कि रूस भारत को बिना किसी बाधा के तेल की आपूर्ति करता रहेगा।
पुतिन और मोदी के बीच संवाद
पुतिन ने भारत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि रूस यूक्रेन समस्या के शांतिपूर्ण समाधान पर कार्य कर रहा है और अमेरिका भी इस प्रक्रिया में सम्मिलित है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस संबंध ‘विश्वास पर आधारित’ हैं और विश्व की प्रगति तभी संभव है जब सभी देश शांति के मार्ग का अनुसरण करें।
पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी के साथ रात्रि भोज पर हुई बातचीत हमारी ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ के लिए अत्यंत सहायक रही। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी और उनके बीच एक करीबी संवाद स्थापित हुआ है। वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के दौरान मिले थे, और वे स्वयं रूस-भारत संवाद की निगरानी कर रहे हैं।








