Bihar News : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के ठीक अगले दिन, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद **आर.के. सिंह** को **छह वर्ष** के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। आर.के. सिंह पिछले कुछ समय से पार्टी के आधिकारिक रुख के विपरीत बयान दे रहे थे, जिसके उपरांत बीजेपी आलाकमान ने यह सख्त कार्रवाई की।
चुनाव से पहले, आर.के. सिंह ने कई बार ऐसे वक्तव्य दिए, जिनसे पार्टी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के कई उम्मीदवारों की उम्मीदवारी पर प्रश्न उठाए और बिहार में कथित बिजली घोटाले का आरोप लगाते हुए नीतीश सरकार को भी निशाना बनाया। चुनावी गहमागहमी के बीच इन आरोपों ने बीजेपी की स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया था।
बड़े नेताओं पर आर.के. सिंह के गंभीर आरोप
आर.के. सिंह ने न केवल एनडीए, बल्कि कई वरिष्ठ नेताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने उपमुख्यमंत्री **सम्राट चौधरी**, जदयू के **अनंत सिंह** और राजद के **सूरजभान सिंह** पर निशाना साधते हुए कहा था कि ऐसे व्यक्तियों को वोट देने से बेहतर है कि ‘चुल्लू भर पानी में डूब मरें।’
आर.के. सिंह को 6 साल के लिए निष्कासित
उन्होंने राजद के कई प्रत्याशियों को आपराधिक पृष्ठभूमि का बताते हुए लोगों से ऐसे उम्मीदवारों को वोट न देने की अपील की। उनके इन बयानों से चुनावी माहौल में राजनीतिक उथल-पुथल मची और बीजेपी को यह आशंका थी कि विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना सकता है, इसलिए पार्टी ने चुनाव के दौरान कोई तत्काल कार्रवाई करने से परहेज किया। चुनाव के नतीजे आने के बाद, पार्टी ने विलंब न करते हुए आर.के. सिंह को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। पार्टी का तर्क है कि उनके बयानों और आरोपों से संगठन की छवि को क्षति पहुँच रही थी और वह लगातार अनुशासन का उल्लंघन कर रहे थे।
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