Haryana Cooperative Week : मुख्यमंत्री **नायब सिंह सैनी** ने 72वें सहकारिता सप्ताह के शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और सोनीपत में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।
हरियाणा में 72वें सहकारिता सप्ताह के शुभारंभ समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने सभी को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हरियाणा के प्रत्येक नागरिक के जीवन में **सहकार (सहयोग)** की भावना को जागृत करना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत की आत्मा गाँवों में बसती है, और गाँवों की प्रगति का मार्ग केवल सहकारिता से होकर जाता है।
सहकारी आंदोलन के निर्माण को याद किया जाए
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इस वर्ष को **सहकारिता वर्ष** के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आज हमें उन लाखों लोगों को याद करना चाहिए जिन्होंने अपनी छोटी-छोटी बचत और सामूहिक शक्ति से इस विशाल सहकारी आंदोलन का निर्माण किया।
सहकारिता ने हरियाणा के विकास में की अहम भूमिका
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारी आंदोलन को मज़बूत बनाने का काम किया, जिसके नेतृत्व में देश में एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन भी हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में कृषि क्षेत्र और किसानों को सशक्त बनाने में सहकारिता आंदोलन राज्य के विकास की **रीढ़ की हड्डी** साबित हुआ है।
प्रदेश में किसानों को सहकारिता से वित्तीय राहत
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश में 3 लाख से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के तहत सहकारी बैंक द्वारा राशि जारी की गई है। उन्होंने बताया कि समय पर ऋण चुकाने वाले सहकारी समितियों के सदस्यों से फसली ऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जाता है। प्रदेश के **5,31,652 किसानों** को **1,223 करोड़ रुपए** की ब्याज राहत प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज प्रदेश में गन्ने का भाव देश में सबसे अधिक **415 रुपए प्रति क्विंटल** है।
महिला सहकारी समितियों को 5 लाख तक ऋण
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारी बैंकों के माध्यम से महिला सहकारी समितियों को **5 लाख रुपए** तक का ऋण **बिना किसी सुरक्षा (Collateral)** के उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में महिलाएँ **60,513 स्वयं सहायता समूहों** के माध्यम से सक्रिय योगदान दे रही हैं। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से सहकार (आपसी सहयोग) की भावना को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का आह्वान किया।
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