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दीवाली का दिन पोस्टपोन कर 26 जनवरी पर धमाके का था प्लान, मुख्य संदिग्ध मुजम्मिल ने उगले कई राज

New Delhi : दिल्ली स्थित **लाल किले** के पास हुए कार बम विस्फोट के बाद देश अभी भी सदमे की स्थिति में है। इस आतंकी हमले में अब तक **12 लोगों की मृत्यु** हो चुकी है, जबकि लगभग **20 घायल** लोगों का इलाज चल रहा है। इस बीच, जाँच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ पकड़े गए मुख्य आरोपी **मुजम्मिल** से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं। इस दौरान यह भी पता चला कि हमलावरों ने मूल रूप से हमले की योजना कब बनाई थी।

26 जनवरी पर धमाके का था प्लान

दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य संदिग्ध मुजम्मिल ने जाँच एजेंसियों को बताया कि उसने और फिदायीन (आत्मघाती हमलावर) **उमर** ने मिलकर लाल किले के सामने विस्फोट करने की साज़िश रची थी। मुजम्मिल ने खुलासा किया कि उनका मूल प्लान अपने साथियों के साथ मिलकर **दीपावली** के दिन धमाका करने का था, लेकिन बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। वे दीपावली के बजाय **26 जनवरी** को दिल्ली समेत देश के कई अन्य स्थानों पर बड़े विस्फोट की तैयारी कर रहे थे।

घटना के पीछे जैश के होने की आशंका

सूत्रों के अनुसार, इस पूरी साज़िश में आतंकवादी संगठन **जैश-ए-मोहम्मद** का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। माना जा रहा है कि आतंकी उमर मोहम्मद इसी आतंकवादी संगठन से जुड़ा था और उनके निर्देशों पर ही काम कर रहा था। अब इस जाँच में **विदेशी कनेक्शन** भी सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि विदेश में बैठे एक हैंडलर के इशारे पर ही आतंकी उमर मोहम्मद ने लाल किले पर यह आत्मघाती विस्फोट किया।

उमर की सक्रियता

दिल्ली विस्फोट के बाद से सुरक्षा एजेंसियों की नज़र उसी दिन से आत्मघाती हमलावर उमर की गतिविधियों पर टिकी हुई है। जगह-जगह के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, जिनमें फिदायीन उमर दिल्ली के कई स्थानों पर सक्रिय दिखाई दे रहा है।

सीसीटीवी में यह देखा गया कि वह अपनी **आई-20 कार** लेकर उस दिन चाँदनी चौक से पहले दिल्ली के **कनॉट प्लेस** इलाके में लगभग 2:30 बजे के आस-पास गया था। कार को **मयूर विहार** इलाके में भी सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है। जाँच में यह खुलासा हुआ है कि इस मॉड्यूल का हैंडलर विदेश में बैठा हुआ था, जो विभिन्न सोशल मीडिया एप्लीकेशनों के माध्यम से जैश के इस मॉड्यूल को निर्देश दे रहा था। बहरहाल, दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ी सफलता यह है कि विदेश में बैठे इस हैंडलर की पहचान सुरक्षा एजेंसियों ने कर ली है।

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