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Cyclone Ditwah का रौद्र रूप, श्रीलंका में अब तक करीब 350 की मौत और सैकड़ों लापता, भारत के इन राज्यों में भी असर

Cyclone Ditwah : श्रीलंका में चक्रवात दितवाह ने व्यापक विनाश किया है। अब तक इस तूफान में 334 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 370 लोग लापता हैं। भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन सागरबंधु के तहत आपदाग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव अभियान शुरू किया है। इस तूफान से सर्वाधिक प्रभावित शहर कैंडी रहा, जहां अब तक 88 लोगों की मौत हुई और 150 लोग लापता बताए गए हैं।

भारत पर भी खतरे की चेतावनी

दितवाह का प्रभाव भारत के तमिलनाडु, पुडुचेरी, दक्षिण आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कई जिलों में भी देखा जा रहा है। डीएमसी के अनुसार, इस आपदा से श्रीलंका में 3,09,607 परिवारों के 11,18,929 लोग प्रभावित हुए हैं। चक्रवात के कारण नदियों का जलस्तर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया, जिससे शहर जलमग्न हो गए, बड़े पुल बह गए और कई महत्वपूर्ण इमारतें तथा सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं।

राहत और बचाव अभियान

भारतीय वायु सेना की टीमें ऑपरेशन सागरबंधु के तहत प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य कर रही हैं। श्रीलंका के बाद यह तूफान दक्षिण भारत के तटवर्ती राज्यों की ओर बढ़ रहा है। तमिलनाडु और पुडुचेरी में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है। राहत और बचाव दल हाई अलर्ट पर हैं।

तमिलनाडु में भारी बारिश और राहत शिविर

तमिलनाडु के उत्तरी जिलों में भारी बारिश जारी है। अकेले नागपट्टिनम जिले में पिछले दो दिनों में 30 सेमी बारिश दर्ज की गई है। पुडुचेरी में भी तेज हवाओं और भारी बारिश की संभावना है, जिससे तटीय इलाकों में उच्च ज्वार और जल भराव का खतरा है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने बताया कि राज्य में अब तक 6,000 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन शिविरों में लोगों की भागीदारी कम है और बारिश अब रामनाथपुरम जिले से तटीय जिलों की ओर बढ़ रही है।

नतीजा और सावधानी

चक्रवात दितवाह ने न केवल श्रीलंका में बल्कि दक्षिण भारत में भी गंभीर खतरे की घंटी बजाई है। अधिकारियों ने आम जनता से सावधानी बरतने, तटीय क्षेत्रों में न जाने और आपदा प्रबंधन टीमों के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। राहत कार्य लगातार जारी हैं और प्रभावित इलाकों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

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