Punjab News : पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने जानकारी दी कि दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबज़ादों- बाबा अजीत सिंह जी, बाबा जुझार सिंह जी, बाबा ज़ोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की अद्वितीय शहादत को नमन करने हेतु पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड राज्यभर के विद्यालयों में तीन दिवसीय शैक्षिक सत्र आयोजित करेगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को सिख इतिहास की गौरवशाली परंपरा और वीरता की समृद्ध विरासत से अवगत कराना है।
उन्होंने बताया कि चार साहिबज़ादों के जीवन और शहादत पर आधारित यह विशेष शैक्षिक कार्यक्रम 22 से 24 दिसंबर 2025 तक पंजाब के सभी स्कूलों (सरकारी, निजी और सहायता प्राप्त) में प्रातःकालीन सभा के दौरान 15 मिनट के विशेष सत्र के रूप में संचालित किया जाएगा।
ऐतिहासिक प्रमाणिकता और मर्यादा
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इन सत्रों में प्रयुक्त होने वाली शैक्षिक सामग्री शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा प्रमाणित होनी चाहिए, ताकि उसकी ऐतिहासिक शुद्धता, मर्यादा और सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।
साका सरहिंद के इतिहास का वर्णन
शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि ये सत्र विद्यार्थियों को उस शौर्यपूर्ण और विलक्षण अध्याय से परिचित कराएंगे, जिसमें श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा किला आनंदगढ़ साहिब से प्रस्थान से लेकर साका सरहिंद तक के ऐतिहासिक घटनाक्रम का वर्णन किया जाएगा।
धार्मिक और ऐतिहासिक आयोजन
उन्होंने सूचित किया कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड मुख्यालय में 22 से 24 दिसंबर 2025 तक स्कूली विद्यार्थियों द्वारा कीर्तन दरबार (सायं 4:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक) के आयोजन के साथ-साथ धार्मिक और ऐतिहासिक समारोह भी आयोजित किए जाएंगे। इनका उद्देश्य सिख शहीदों के अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय को श्रद्धांजलि अर्पित करना है। इन आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों में पंजाब के इतिहास और सिख योद्धाओं की बहादुरी के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को और सुदृढ़ किया जाएगा।
भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शन
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने जोर देकर कहा कि “वास्तविक शिक्षा का अर्थ केवल पुस्तकें पढ़ना नहीं, अपितु चरित्र निर्माण करना और आने वाली पीढ़ियों को अपनी भूमि की असली पहचान तथा महान बलिदानों से जोड़ना है। साहिबज़ादों पर आधारित यह तीन दिवसीय शैक्षिक कार्यक्रम उनकी अतुलनीय शहादत को नमन करते हुए प्रत्येक विद्यार्थी के भीतर साहस, वीरता और सत्य-असत्य के प्रति सजग रहने का जज़्बा जागृत करने का प्रयास है।”








