मुख्य बिंदु:
- आदिल की डिलीट की गई चैट्स जांच में मिलीं
- चैट्स में आदिल लगातार पैसों की मांग करता दिखा
- ब्लास्ट में 26 लाख खर्च, आदिल ने 8 लाख उपलब्ध कराए
- आदिल आतंकी नेटवर्क का ‘ट्रेज़रर’ (कोषाध्यक्ष) था
- एजेंसियां पैसों के स्रोत की जांच कर रही हैं
Delhi Blast : जांच एजेंसियों को दिल्ली ब्लास्ट केस में आदिल के फोन से डिलीट की गई व्हाट्सएप चैट मिली है, जिनसे धमाके की फंडिंग को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इन चैट्स में आदिल बार-बार पैसों की मांग करता दिख रहा है। कभी एडवांस सैलरी, तो कभी तत्काल ट्रांसफर की मांग। एजेंसियों को संदेह है कि यही रकम धमाके की तैयारी में इस्तेमाल हुई। जांच में यह भी सामने आया है कि दिल्ली ब्लास्ट में खर्च हुए करीब 26 लाख रुपये में से 8 लाख रुपये आदिल ने उपलब्ध कराए थे। पूछताछ में पता चला कि आतंकी नेटवर्क में आदिल को ‘ट्रेज़रर’ की भूमिका सौंपी गई थी।
आदिल की एडवांस सैलरी की मांग
चैट्स 5, 6, 7 और 9 सितंबर की बताई जा रही हैं, जिनमें आदिल लगातार अपने संपर्कों से एडवांस सैलरी की मांग करता दिखाई देता है। एक संदेश में वह लिखता है, ‘गुड आफ्टरनून सर… मैंने सैलरी क्रेडिट करने के लिए रिक्वेस्ट की थी… पैसों की बहुत जरूरत है।’ इसके बाद वह बार-बार अनुरोध करता है कि रकम जल्द से जल्द उसके खाते में भेज दी जाए।
6 सितंबर को आदिल ने लिखा, ‘गुड मॉर्निंग सर, कृपया कर दीजिए… आपका आभारी रहूंगा।’
वहीं, 7 सितंबर को उन्होंने आग्रह किया, ‘सर, सैलरी जल्द से जल्द चाहिए… पैसे की जरूरत है… प्लीज’
आदिल आतंकी नेटवर्क का ‘ट्रेज़रर’ था
जांच एजेंसियों को आशंका है कि आदिल की पैसों की यह मांग दिल्ली ब्लास्ट की तैयारी से जुड़ी हो सकती है। ब्लास्ट में कुल 26 लाख रुपये खर्च हुए, जिनमें से 8 लाख रुपये आदिल ने उपलब्ध कराए थे। पूछताछ में मुजम्मिल ने बताया कि आतंकी नेटर्वक में आदिल को ‘ट्रेज़रर’ कहा जाता था, यानी वह फंड की व्यवस्था और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालता था।
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में लगी हैं कि आदिल को पैसे किसने दिए और क्या यह रकम सीधे आतंकी नेटवर्क में भेजी गई। फिलहाल, डिजिटल फॉरेंसिक टीम ने चैट्स को रिकवर कर लिया है और इन्हें मामले की अहम कड़ी माना जा रहा है।
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