Surajkund Diwali Mela 2025 : इस वर्ष सूरजकुंड दिवाली मेले का विषय (थीम) “आत्मनिर्भर भारत – स्वदेशी मेला” रखा गया है, जिसका विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मेले का आयोजन और विजयदशमी संदेश
यह मेला आज से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “असत्य पर सत्य की विजय के इस पवित्र पर्व विजयदशमी की आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह मेला केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत, महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता और सामाजिक एकता का महाकुंभ भी है।
शिल्पकारों और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन
मेले के दौरान शिल्पकारों को अपनी कलाकारी और हुनर दिखाने का सुनहरा अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी स्टालों में रखे गए उत्पाद पूर्णतः स्वदेशी हैं। यह मेला हमें ‘वोकल फॉर लोकल’ की राह पर ले जाता है और विकसित भारत के सपने को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
सांस्कृतिक, पारंपरिक और सामाजिक अनुभव
दीपावली मेले में परंपरागत भारतीय उत्पादों और कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया। हरियाणा की पद्मा योजना के तहत ‘वन ब्लॉक, वन प्रोडक्ट’ को बढ़ावा दिया गया। सांस्कृतिक ज़ोन में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की झलक देखने को मिली, वहीं फूड ज़ोन में देश के पारंपरिक व्यंजन उपलब्ध हैं, जो मेले की रौनक को और बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला हर नागरिक के लिए सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक उत्सव बनकर उभरेगा। वास्तव में, इस मेले में संस्कृति, स्वदेशीपन और सामूहिक एकता का संगम देखने को मिलता है, जो हमें हमारी जड़ों और राष्ट्रीय गौरव की याद दिलाता है।
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